मध्यप्रदेश गांवों में बस्ता है| राज्य की अधिकांश आबादी का निवास ग्रामीण क्षेत्र ही है | २०११ की जनगणना के अनुसार राज्य की कुल जनसँख्या का ७४.४ प्रतिशत गांव में निवास करता है|
२०११ की जनगणना में राज्य में ग्रामीण जनसँख्या का सर्वाधिक अनुपात ९५.४ डिंडोरी जिले में दर्ज किया गया | जबकि सबसे कम अनुपात भोपाल जिले में १९.२ फीसदी पाया गया | २०११ की जनगणना में एक बात और स्पस्ट हुई की राज्य में २००१ से २०११ की जनगणना के बिच ४९० ग्राम अस्तित्वहीन हो गए | दरअसल गाँवो में शहरो की ओर पलायन और ग्रामीण आबादी के धुर्वीयकरण की यह स्थिति उत्पन्न हुई |
पंचायत राज व्यवस्था के सन्दर्भ में देखा जाए तो ५१ जिला पंचायते ,-३१३ जनपद और २२८२५ ग्राम पंचायते ग्रामो के विकास व प्रशासन के लिए काम कर रही है |
मध्यप्रदेश के गाँवो की संख्या
जनगणना 2001 55393
जनगणना 2011 54903
ग्रामीण जनसँख्या ; 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की कुल आबादी 7 ,25 ,97 ,565 में से 5 ,25 ,37 ,899 लोग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रहे है | इनमे पुरषो की संख्या 2 ,71 ,42 ,409 और स्त्रियों की संख्या 2 .53,95 ,490 दर्ज की गई थी |
दशकीय वृद्धि के हिसाब से देखा जाये तो राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 8157021 व्यक्तियों की वृद्धि हुई | इनमे पुरुषो की संख्या 41 ,11 ,316 और स्त्रियों की संख्या 40 ,45 ,705 थी | इनमे 0 से 6 वर्ष के आयु समूह के बच्चो की संख्या ग्रामीण क्षेत्रों में 81 ,32 ,745 थी |
इनमे बालको की संख्या 42 ,42 ,585 और बालिकाओ की संख्या 38 ,90 ,160 थी | दशकीय वृद्धि के सन्दर्भ में देखा जाये तो 2001 से 2011 के बीच ,राज्य की आबादी की कुल वृद्धि दर 20 .3 थी |
इसमें ग्रामीण आबादी की वृद्धि दर 18 .4 थी | जिसमे ग्रामीण पुरुषो की वृद्धि दर 17 .9 और ग्रामीण स्त्रियों की दशकीय वृद्धि दर 19 .0 थी |
स्त्री पुरुष अनुपात ; 2011 की जनगणना के अनुसार मध्यप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्त्री -पुरुष जनसँख्या का अनुपात 936 है | तथा प्रदेश का कुल औसत स्त्री -पुरुष अनुपात 930 है |
साक्षरता ;2011 की जनगणना के अनुसार ,राज्य में कुल साक्षरो की संख्या 43827193 थी| इसमें राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल साक्षरो की संख्या 28991005 थी , इनमे पुरषो की संख्या 17549814 और साक्षर स्त्रियों की संख्या 11441191 दर्ज की गई थी |
पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने ग्राम स्वराज का सपना देखा था | बापू के इस सपने को साकार रूप देकर मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बना, जहां पंचायत राज व्यवस्था लागूं की गई | 01 नवम्बर ,1956 को मध्यप्रदेश राज्य का गठन हुआ |
इस समय राज्य के सभी घटको की पंचायत राज संबंधित अपने-अपने कानून व व्यवस्थाएं थी | वर्ष 1962 में पुरे राज्य में समान व एकरूप पंचायत व्यवस्था लाने के लिए ,पंचायत राज अधिनियम ,1962 बनाया गया | राज्य पंचायत राज व्यवस्था को सुदृंढ बनाने के लिए आवश्यक संशोधन कर 1981 एवं 1990 में नए पंचायत राज अधिनियम बनाये गए | भारत के संविधान के 73 वे संशोधन अधिनियम ,1992 के अनुरूप 25 जनवरी ,1994 को पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम लांगु किया गया | इस संशोधन के मुताबिक ही राज्य निर्वाचन आयोग का गठन भी किया गया|
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